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Cardiac Sciences

बिना सर्जरी के दिल में "छिद्र" बंद करना

admin Apr 11, 2023

कुछ बच्चे दिल में 'छेद' लेकर पैदा होते हैं। ये दिल के ऊपरी हिस्से यानी एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) या दिल के निचले हिस्से यानी वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट या दो बड़ी धमनियों यानी पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस और एपी विंडो के बीच असामान्य संचार हो सकते हैं। ये 'छिद्र' अतिरिक्त रक्त को हृदय के बाईं ओर से हृदय के दाईं ओर और अंततः फेफड़ों में प्रवाहित करने का कारण बनते हैं। यदि यह प्रवाह महत्वपूर्ण है तो यह फेफड़ों को बार-बार निचले श्वसन पथ के संक्रमण के लिए प्रवण बनाता है, यह बच्चे के सामान्य विकास में बाधा डालता है। इसके अतिरिक्त दाहिनी ओर अतिरिक्त रक्त हृदय कक्षों के विस्तार में परिणाम देता है और फुफ्फुसीय धमनी के दबाव और दिल की विफलता को बढ़ा सकता है। जैसे कि यदि असामान्य प्रवाह महत्वपूर्ण है तो इन "छिद्रों" को बंद कर देना चाहिए। कुछ साल पहले तक इन सभी 'छिद्रों' को हृदय का ऑपरेशन कर बंद करना पड़ता था। आजकल तकनीकी प्रगति और हृदय रोग विशेषज्ञ की विशेषज्ञता के साथ इन छेदों को बिना सर्जरी के बंद किया जा सकता है। ग्रोइन से छोटी नलियों (कार्डियक कैथेटर) को धमनी और नसों में एंजियोग्राफी करने के लिए डाला जाता है और इन ट्यूबों के माध्यम से इन छिद्रों को बंद करने के लिए कॉइल (स्टेनलेस स्टील) या डिवाइस (नितिनोल) डाले जाते हैं। छतरी के आकार के ये उपकरण छेद को बंद कर देते हैं और कुछ महीनों के भीतर शरीर के ऊतकों (रीएंडोथेलाइज़्ड) द्वारा स्तरित हो जाते हैं। इस तकनीक के परिणाम न्यूनतम जोखिम के साथ लगभग 100% हैं। ये कोई निशान नहीं हैं और मरीज अगले दिन पैदल चलकर घर जा सकता है। उम्र के सामान्य बच्चे की तुलना में बच्चे की गतिविधि और विकास पर कोई प्रतिबंध नहीं होने के साथ दीर्घकालिक परिणाम उत्कृष्ट हैं।

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